आपत्ति ६७

 

न्यायालय तहसीलदार न्यायिक मुहम्मदाबाद जिला गाजीपुर
मुकदमा नंबर                         सन 2022
                गांव सभा      ।  धारा ६७ रा० संहिता
                   बनाम।       ।  मौजा जसदेवपुर
                                     ।  परगना मुहम्मदाबाद
                                     ।   जिला गाजीपुर

आपत्ति मिन जानिब    पुत्र।         विरुद्ध रिपोर्ट लेखपाल दफा 67 राजस्व संहिता व नोटिस आर ०सी० प्रपत्र 20 नियम 67(2) वफात जैल है

१-यह की रिपोर्ट लेखपाल दफा 67 रा० सं०  व नोटिस आर०सी० प्रपत्र २० नियम 67(2) राजस्व संहिता नियमावली सरासर गलत खिलाफ असलियत खिलाफ कानून के हैं जो हर प्रकार से खारिज होने योग्य है।
२-यह कि हम आपत्तिकर्ता मौजा जसदेवपुर परगना व तहसील मुहम्मदाबाद जिला गाजीपुर में पूर्वज काल से आवाद चले आ रहे हैं। हरगिज़ हम आपत्ति कर्ता का  जमीन नेजाई पर अनाधिकार आवासीय कब्जा नहीं है ।कथन इसके विरुद्ध लेखपाल बिल्कुल गलत है।
३-यह कि हम आपत्ति कर्ता भूमिहीन गरीबी रेखा के अंतर्गत रहने वाला व्यक्ति है कृषि मजदूरी आदि करके अपने परिवार का गुजर-बसर करता है।
४-यदि हम आपत्ति कर्ता का जमीन नेजाई पर कब्जा दखल पूर्वज काल से चला आ रहा है तथा आज भी है। एवं 29 नवंबर 2012 को भी विद्यमान था ।हम आपत्ति कर्ता का उक्त जमीन में हित निहित है और उसमें हमारा आवासीय......
                                                                                  
स्थित है ।जिसमें आपत्ति कर्ता मय परिवार के साथ रहता सहता, उठता बैठता अपने घर गृहस्ती का संपूर्ण सामान रखता व करता एवं रसोई आदि बनाते चले आ रहे हैं । मौके पर जमीन नेजाई प्राचीन आबादी के रूप में है हरगिज बंजर /नवीन परती के रूप में नहीं है। इस आधार पर भी रिपोर्ट लेखपाल व रिपोर्ट के आधार पर प्रेषित नोटिस खारीज होने योग्य है।
५- यह की कानूनन आपत्ति कर्ता या उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा व राजस्व संहिता की धारा 67 क  (1) के प्रावधानों के आधार पर यदि किसी व्यक्ति का किसी सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि को छोड़कर अन्य भूमि पर यदि किसी का गृह निर्माण हुआ है और वह गृह निर्माण 29 नवंबर 2012  को  विद्यमान था ।तो ऐसा गृह, गृह के स्वामी द्वारा ऐसे प्रतिबंधों  व शर्तों पर जो विहित किया जाय घृत किया हुआ समझा जाएगा अर्थात उक्त जमीन गृहस्वामी के हक में बंदोबस्त किया हुआ समझा जाएगा। इस आधार पर भी रिपोर्ट लेखपाल व नोटिस वापस होने योग्य है।
६-यह कि हल्का लेखपाल द्वारा रिपोर्ट सरसरी तौर पर प्रस्तुत किया गया है हरगिज उसमें तीन बंदोबस्ती मुस्तकिल मोकामात से पैमाइश नहीं किया गया है। और ना ही उसका खेसरा व फील्ड बुक  रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया गया है।
७-यह की रिपोर्ट लेखपाल में प्रश्नगत भूखंड का जो विवरण व चौहद्दी दिया गया है वह मौके की स्थिति व चौहद्दी से भिन्न है । इस आधार पर रिपोर्ट लेखपाल काबिल खारिज के है।
८-यह की रिपोर्ट लेखपाल अनियमित एवं संदिग्ध है खारिज होने योग्य है। क्योंकि  खसरे में भी आबादी का जिक्र है और तदनुसार लेखपाल द्वारा रिकार्ड दुरुस्त की कार्रवाई नहीं की गई।
९-यह की नोटिस आर०सी० प्रपत्र 20 नियम 67 (२) राजस्व संहिता नियमावली नियमानुसार जारी नहीं है। और ना तो विधि सम्मत प्रक्रिया के मुताबिक ही है इस प्रकार रिपोर्ट लेखपाल वह नोटिस त्रुटिपूर्ण  व डिफेक्टिव है । जिस आधार पर भी लेखपाल रिपोर्ट व नोटिस वापस होने योग्य है।
१०-यह  कि हल्का लेखपाल हम आपत्ति कर्ता के दुश्मनों के बहकावे में आकर व नाजायज तौर पर परेशान करने की नियत से गलत रिपोर्ट प्रेषित किया है जो खारिज होने योग्य है।
११-यह कि रिपोर्ट लेखपाल अनआईडेंटिफाइड है।
१२-यह की रिपोर्ट लेखपाल किसी भी दृष्टि से पोषणीय नहीं है तथा खारिज होने योग्य है।

             अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि उपरोक्त व अन्य कारणों बस लेखपाल रिपोर्ट दिनांक                व उस आधार पर जारी नोटिस आर०सी० प्रपत्र 20 नियम 67(2) राजस्व संहिता नियमावली निरस्त किया जाए तथा हम अपनी कर्ता को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 (१) के तहत लाभ प्रदान कर आपत्ति कर्ता का जमीन  नेंजाई में स्थित इंद्राज को निरस्त करके हम आपत्ति कर्ता के हक में अकृषिक भूमि आबादी अंकित किया जावे ताकि न्याय होवे।
                                        आपत्तिकर्ता
                                       ......       पुत्र...

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